Aniljadiya सभी मित्रों दोस्तो और स्नेहहियो को सादर प्रणाम नमस्कार प्रिय भाइयो मेरा यह ब्लॉग एक राष्टवादी देशहित और हमारे देश संस्कृति और गौरव मयी इतिहाश और हिंदुत्व की विचारधारा से अभिप्रेरित है में उस विचारधारा का समर्थन करता हूँ जहा राष्ट पहले व्यक्ति बाद में व्यक्ति से बढ़ा देश मे भाजपा की राष्टवादी हिंदुत्व सोच अंत्योदय कल्याण मार्ग और सबका साथ सबका विकाश की नीति का समर्थक और उसका कार्यकता हूँ और में मोदी की देशहित और जनहितैषी भारत को विस्वशक्ति के रूप में पुनः प्रतिस्तापित करने की नीति और आम आदमी गरीब और जन कल्याणकारी कार्यो और सोच का समर्थक हू देश
Wednesday, 13 March 2019
कंधार विमान कांड में कांग्रेस के झूठ का पर्दाफाश देश के आतंकियों को सबसे ज्यादा इशी पार्टी और सरकार ने षडयंत्रो के तहत छोड़ जबकि अटलजी की भाजपा सरकार ने निर्दोष नागरिको की जान बचाने 3 आतंकी मजबूरी में
कल राहुल गांधी ने सरकार से प्रश्न पूछा कि बाजपेई सरकार ने 166 यात्रियों के बदले 3 आतंकवादियों को क्यों छोड़ा , कुछ घटनाओं के वर्णन के साथ मेरा प्रश्न राहुल गांधी से है कि इन सैकड़ों आतंकवादियों को क्यों छोड़ा गया जिन्होंने बाद में हजारो बेगुनाह मासूमों और हमारे जवानों की हत्या की ....
(१) रुबिया सईद अपहरण कांड - 2 दिसंबर 1989 को वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने और मुफ्ती मोहम्मद सईद गृहमंत्री , 8 दिसंबर को रहस्यमय तरीके से उनकी बेटी का अपहरण हो गया भारत के गृह मंत्री की बेटी हॉस्पिटल से घर बस से जा रही थी या भी हास्यापद और संदेहास्पद है टेंढ़े मुंह वाले यासीन मलिक के संगठन जेकेएलएफ ने इसकी जिम्मेदारी ली इसके बदले अपने 8 आतंकी भाइयों को रिहा करवाया बाद में इनके आठों आतंकी भाइयों ने सैकड़ों लोगों का कत्ल किया और टेंढ़े मुंह वाले यासीन मलिक नाम के आतंकी को सरकार पालती पोसती रही
(२) नाहिदा सोज - फिर 1991 में टेढ़े मुंह वाले यासीन मलिक नाम के आतंकी के संगठन जेकेएलएफ ने नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के सांसद सैफुद्दीन सोज की बेटी नाहिदा सोज का अपहरण किया बदले में उसे छुड़ाने के लिए पांच दुर्दांत आतंकवादियों को छोड़ दिया गया
(२) तसद्दुक देव - कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद के साले तसद्दुक देव को जनवरी 1992 में आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था , गुलाम नबी आजाद उस दौरान केंद्र में संसदीय मामलों के मंत्री थे उनके साले तसद्दुक देव के बदले में 3 दुर्दांत आतंकवादियों को रिहा कर दिया गया
(४) "मुस्तफा असलम" - मुस्तफा असलम जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम रसूल का दामाद था जिसका अपहरण 1992 में किया गया था और उसे छुड़ाने के लिए बिना शर्त तीन आतंकवादियों को छोड़ दिया गया था
(५) "नसरुल्लाह" - जो कि पूर्व मंत्री जीएस मीर लासजन का बेटा था जिसका 1992 में अपहरण किया गया था जिसे छुड़ाने के लिए बिना शर्त 7 दुर्दांत आतंकवादियों को छोड़ा गया था
(५) जम्मू कश्मीर बैंक के चेयरमैन एमएस कुरैशी को भी आतंकवादियों ने 1992 में अगवा किया बदले में एक आतंकवादी को छोड़ा गया और कुछ पैसे की फिरौती भी दी गई
(६)अल्लाह टाइगर (अल्लाह के शेर) आतंकियों ने पूर्व एमएलसी हबीबउल्ला बट को मार्च 1992 में अगवा किया गया था जिसको छुड़वाने के लिए 10 से ज्यादा दुर्दांत आतंकवादी छोड़े गए पर यह बात डिस्क्लोज नहीं की गई
(७) इंडियन आयल कॉर्पोरेशन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के दोरईस्वामी को जुलाई 1991 में इख्वान उल मुसलमीन ने श्रीनगर से अगवा कर लिया था। अगस्त में उन्हें छह आतंकवादियों की रिहाई के बदले छोड़ा गया था
(८) हजरत बल कांड - अक्टूबर 1993 में हजरत बल मजार में कुछ आतंकियों ने कुछ कश्मीरी "आतंकियों" को बंधक बना लिया था और सैन्य बलों को 'मो-ए-मुक़द्दस' की सुरक्षा के बदले में 40 से ज्यादा आतंकवादियों को कई दिनों तक दावत-ए-बिरयानी खाने के बाद कांग्रेस सरकार के दबाव में छोड़ना पड़ा जिसमें से कुछ को पाकिस्तान बॉर्डर पार करने के लिए सेफ पैसेज देने के लिए तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस सरकार द्वारा सेना को मजबूर किया गया ....
अब कंधार के 164 अपहृत यात्रियों के बदले तीन आतंकवादियों को छोड़े जाने का दोषारोपण तत्कालीन बाजपेई सरकार पर करने वाले राहुल गांधी को आत्ममंथन और चिंतन की आवश्यकता है ...
CP
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